बनारस के आईआईवीआर ने विकसित की अंगूर जैसे टमाटर की नई प्रजाति
गुड न्यूज-------------
अमेरिका और यूरोप में ज्यादा है चेरी टमाटर का क्रेज
बेबी टमाटर के गुच्छे किसी को भी बना सकते हैं दीवाना
विजय विनीत
वाराणसी। अंगूर जैसे टमाटर। लाल, पीले और नारंगी कलर में। इसे चेरी टमाटर कहें या बेबी टोमैटो। जल्द ही पूर्वांचल में इसे सफलतापूर्वक उगाया जा सकेगा। इसे विकसित किया है भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) ने। पूर्वांचल की क्लाइमेट के हिसाब से चेरी टमाटर की नई प्रजाति इजाद कर ली है। बस इसे नाम दिया जाना बाकी है। उम्मीद है कि सरकार अगले साल चेरी टमाटर की इस प्रजाति को रिलीज कर देगी।
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के पाली हाउस में रंग-बिरंगे चेरी टमाटर की लड़ियां किसी को भी दीवाना बना सकती हैं। इसे देखेंगे तो देखते ही रह जाएंगे। जानते हैं? इसके पेड़ों पर अंगूर सरीखे अनगिनत रंगीन फल लटके हुए हैं। टमाटर की ये वो प्रजाति है, जो बच्चों को काफी लुभाती है। खाने पर बच्चों के तालू में चिपकती भी नहीं है। इसी वजह से चेरी टमाटर को बेबी टोमैटो के नाम से भी जाना जाता है। आईआईवीआर के निदेशक डा.जगदीश सिंह के निर्देशन में प्रधान वैज्ञानिक डा.नागेंद्र राय ने चेरी टमाटर की नई प्रजाति विकसित की है। ये ऐसी प्रजाति है, जिसे घर में हफ्ते भर तक सामान्य क्लाइमेट में आसानी से रखा जा सकता है।
अमेरिका और यूरोपीय देशों में चेरी टमाटर का जबरदस्त क्रेज है। भारत में आमतौर पर सितारा होटलों में इसका प्रयोग ज्यादा होता है। इस टमाटर का क्रेज एकाकी परिवारों में अधिक है। ये आकार में अंगूर की तरह छोटे होते हैं। फल गुच्छों में लगते हैं, जिसे देखकर कोई भी मुग्ध हो सकता है।
आईआईवीआर के प्रधान वैज्ञानिक डा.सूर्यनाथ चौरसिया के मुताबिक संस्थान में चेरी टमाटर का ट्रायल का काम उनकी देख-रेख में हो रहा हैैै। यह भी बताया कि पिछले साल नवंबर महीने ने ट्रायल के तौर पर चेरी टमाटर की तीन किस्में पॉली हाउस में रोपीं थीं। इनमें रेड चेरी, सोना चेरी और पूसा चेरी हैं। इसके पौधे 12 से 15 फीट लंबे हैं। यह पककर अब तैयार हो गया है। इसकी हार्वेस्टिंग अगले हफ्ते की जाएगी।
आईआईवीआर के प्रधान वैज्ञानिक डा.राय बताते हैं कि यही एक ऐसा टमाटर है जो किसानों की आय दोगुनी कर सकता है। सामान्य टमाटर की तुलना में इसका दाम काफी ज्यादा होता है। जब बाजार में टमाटर का भाव 50 रुपये के करीब होता है तो चेरी टमाटर 120 रुपये किलो के भाव बिकता है। जब टमाटर का दाम दस रुपये के करीब होता है तो चेरी टमाटर 50 रुपये में बिकता है। उनकी कोशिश है कि चेरी टमाटर की खेती पूर्वांचल के सभी किसान करें। उन्होंने बताया कि शादी-विवाह और पार्टियों में चेरी टमाटर का खूब प्रयोग किया जा रहा है। आईआईवीआर ने चेरी टमाटर की जो प्रजाति विकसित की है वो उत्तर भारत की जलवायु में अच्छी फलत के लिए सबसे अच्छी होगी। इसकी उत्पादन क्षमता साढ़े तीन से चार क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक होने की उम्मीद है। जो लोग किचेन गार्डेन में टमाटर उगाते हैं, उन्हें चेरी टमाटर की खेती शुरू कर देनी चाहिए। इसे गमलों में भी आसानी से लगाया जा सकता है।
डा.चौरसिया के मुताबिक हाल के दिनों में चेरी टमाटर ने इसलिए ज्यादा लोकप्रियता हासिल की है कि सामान्य टमाटर के मुकाबले इसका स्वाद अधिक मीठा होता है। मिठास भी काफी हद तक चेरी के समान ही होती है। इसमें 9.4 टीएसएस पाया जाता है, जबकि सामान्य टमाटरों में 3.5 टीएसएस की मात्रा होती है। उन्होंने बताया कि म टमाटर में बीज और रस की मात्रा अधिक होती है, लेकिन चेरी टमाटर में दोनों बहुत कम होता है। इसे घर में ज्यादा दिनों तक रखा जा सकता है। इसके अंदर विटामिन ए और लाइकोपिन भी भरपूर मात्रा में होती है। इस वजह से इसे सेहत के लिए काफी उपयोगी माना गया है। रंगों की बात करें तो ये टमाटर लाल, गुलाबी, पीला ही नहीं, और भी कई रंगों में आते हैं। चेरी टमाचर की खेती अगर पॉली हाउस में की जानी है तो खेती जुलाई में और बाहर करनी है तो सितंबर में लगाई जा सकती है। इसका फल मार्च और अप्रैल में सबसे अधिक होता है।
स्वास्थ्यवर्धक है चेरी टमाटर
वाराणसी। चेरी टमाटर में एंटीआक्सीडेंट और विटामिन सी के साथ-साथ लाइकोपीन भी पाया जाता है, जिस कारण यह स्वास्थ्यवर्धक है। एंटीआक्सीडेंट का काम शरीर को कैंसर से सुरक्षा प्रदान करना है, जबकि विटामिन सी कई तरह की बीमारियों से हमारी रक्षा करती है। हृदय रोग और मधुमेह रोगियों के लिए तो इसका सेवन बहुत अच्छा है।
‘काशी चयन’ में नहीं लगेगा गुरुचा रोग
वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा.जगदीश सिंह के मुताबिक सस्थान ने टमाटर की एक दर्जन से अधिक प्रजातियां विकसित की है। हाल में टमाटर की एक नई प्रजाति चिह्नित की गई है, जिसका नाम काशी चयन है। काशी चयन स्वदेशी टमाटर की ऐसी प्रजाति है जिसमें गुरचा रोग लगता ही नहीं है। ये पूरी तरह वायरसरोधी है। इसके अलावा काशी अमन, काशी अमूल्य और काशी अभय पूर्वांचल के परिवेश के लिए बेहतरीन प्रजातियां हैं। काशी अभय, काशी आदर्श, काशी अनुपम से टमाटर उत्पादक मालामाल हो सकते हैं। आईआईवीआर ने पीले रंग वाली टमाटर की नई प्रजाति विकसित की है। इस टमाटर में एंटी आक्सीडेंट के गुण समान्य टमाटर से दोगुना होते हैं।